पहलाम आतंकवादी हमले के बाद भारत सरकार ने आतंकवाद और पाकिस्तान पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है, जिससे पाकिस्तान में खलबली मची हुई है। पाकिस्तान को अब यह डर सता रहा है कि भारत कभी भी उस पर आक्रमण कर सकता है। इसी संदर्भ में, गृह मंत्रालय ने 7 मई को सभी राज्यों को मॉक ड्रिल करने के आदेश दिए हैं।
इस आदेश के बाद, रिटायर्ड ब्रिगेडियर विजय सागर ने बताया कि मॉक ड्रिल का उद्देश्य युद्ध के समय की तैयारियों की समीक्षा करना और बचाव की योजनाओं को सही करना है। उनका कहना है कि युद्ध के दौरान सेना के साथ-साथ आम नागरिकों को भी मुकाबला करना पड़ता है।
ब्रिगेडियर सागर ने कहा कि 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ चुका है, और अब पूर्ण युद्ध की संभावना को नकारा नहीं जा सकता।
उन्होंने बताया कि युद्ध की स्थिति में दोनों देशों के बीच हवाई हमले या मिसाइल हमले हो सकते हैं, जिससे नागरिक क्षेत्रों को भारी नुकसान हो सकता है। मॉक ड्रिल का मकसद यही है कि युद्ध के दौरान इस नुकसान को कैसे कम किया जाए और तैयारी कैसी होनी चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक के संदर्भ में उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने पहलगाम हमले के बाद पांच अहम फैसले लिए थे, जिससे पाकिस्तान की स्थिति और भी कमजोर हुई है।
पाकिस्तान की गीदड़-भभकी अब काम नहीं आ रही है क्योंकि भारत ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है, और पाकिस्तान अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अकेला पड़ता दिख रहा है।